Jise Pyar Zamana Kehta Hai
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
मैने तुमको तड़पाया है
अब तड़ापु तेरी तड़पन में
मैने तुमको तड़पाया है
अब तड़ापु तेरी तड़पन में
एहसास से दर्द उभरता हूँ
हर साँस हैं दिल की धड़कन में
मैं तेरी वफ़ा ना साँझ सकी
मेरी भूल हैं यह नादानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
जो कसम दिलाई थी तुमने
हम उसको तोड़ ना पाएँगे
जो कसम दिलाई थी तुमने
हम उसको तोड़ ना पाएँगे
हम तेरे है तेरे दुख में
यह दुनिया छ्चोड़ के जाएँगे
हमने तुमसे ना मिलने की
मरने तक कसम निभानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
तुम मिलोगे मुझे फिर कही
इस आस में अब तक जीती थी
तुम मिलोगे मुझे फिर कहीं
इस आस में अब तक जीती थी
तेरे घाम में सुलगती रहती थी
और प्यास में आँसू पीटी थी
तुम्हे खो कर जीना मुश्किल हैं
मार जाने में आसानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
यह प्यार मोहब्बत और वफ़ा
बस थोड़ी दे के रिश्ते है
यह प्यार मोहब्बत और वफ़ा
बस थोड़ी दे के रिश्ते है
अक्सर तो बिच्छाद ने के खातिर
दुनिया में मुसाफिर मिलते है
यह कड़वी हक़ीक़त है हमने
नादान दिल को समझा नि हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
जब याद अंधेरी रातो में
मेरे दिल के तार हिलती है
जब याद अंधेरी रातो में
मेरे दिल के तार हिलती है
खामोशी में आवाज़ तेरी
मेरे कानो तक आती है
लगता है हमारी चाहत की
दुनिया से अलग कहानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
हाथो ओ लकीरे देखती हूँ
तक़दीर का दोष बताती हूँ
हाथो ओ लकीरे देखती हूँ
तक़दीर का दोष बताती हूँ
कभी में तेरी बर्बादी का
खुद पे इल्ज़ाम लगती हैं
जो ज़ुल्म किया मैने तुमपे
अब उसकी सज़ा उठानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं
मैं तेरे दर्द के रिश्ते को
सिने से लगा के जी लूँगी
मैं तेरे दर्द के रिश्ते को
सिने से लगा के जी लूँगी
चुभती सासो की धगो से
दिल के टुकड़ो को सी लूँगी
एक पल का गुज़रना मुश्किल हैं
फिर भी यह उमर बितानी हैं
जो मेरी आँख से बहता हैं
वो तेरे दर्द का पानी हैं
जिसे प्यार ज़माना कहता हैं
नाम उसका तो क़ुर्बानी हैं