Jab Tum Hi Hamen Barbad Karo

Hasrat Jaipuri

जब तुम्ही हमे बर्बाद करो
जब तुम्ही हमे बर्बाद करो
दुनिया मे हमारा क्या होगा
ले जाए कहाँ तक़दीर को हम
जीने का सहारा क्या होगा
जब तुम्ही हमे बर्बाद करो

तुम दूर खड़े हो साहिल पे
हाए तुम दूर खड़े हो साहिल पे
मैं बीच भंवर मे घिर जाउ हाए घिर जाउ
उस वक़्त की हालत सोचो तो
उस वक़्त नज़ारा क्या होगा
ले जाए कहाँ तक़दीर को हम

उड़ती सुलगती राहो पे
हाए उड़ती सुलगती राहो पे
अब धूल मेरे अरमानो की, अरमानो की
हर मोड़ पे गम की आँधी है
तिनके का सहारा क्या होगा
ले जाए कहाँ तक़दीर को हम

मरना जो भी चाहे मर ना सके
हाए मरना जो भी चाहे मर ना सके
इक याद तुम्हारी रोके है हाए रोके है
जिस रंग मे हो आवाज़ तो दो
बोलो तो हमारा क्या होगा
जिस रंग मे हो आवाज़ तो दो
आवाज़ तो दो, आवाज़ तो दो, आवाज़ तो दो

Curiosità sulla canzone Jab Tum Hi Hamen Barbad Karo di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Jab Tum Hi Hamen Barbad Karo” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Jab Tum Hi Hamen Barbad Karo” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Hasrat Jaipuri.

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