Ek Manzil Rahi Do

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

एक मंज़िल राही दो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो
साथ मिले जब दिल को
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो

हम भी वही है
दिल भी वही है
धड़कन मगर नयी है आ आ
देखो तो मित आँखों में प्रीत
क्या रंग भर गयी है आ आ
क्या रंग भर गयी है
एक मंज़िल राही दो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो

निकले हैं धून में
अपनी लगन में
मंजिल बुला रही है
ठंडी हवा भी
अब तो मिलन के
नग्में सुना रही है ओ ओ
नग्में सुना रही है
एक मंज़िल राही दो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो

देखो वो फूल दुनिया से दूर
आकर कहा खिला है आ आ
मेरी तरह ये खुश है जरुर
इस को भी कुछ मिला है हा हा
इस को भी कुछ मिला है
एक मंज़िल राही दो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो
साथ मिले जब दिल तो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो
फिर प्यार ना कैसे हो

Curiosità sulla canzone Ek Manzil Rahi Do di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Ek Manzil Rahi Do” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Ek Manzil Rahi Do” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Madan Mohan, Rajinder Krishnan.

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