Chand Phir Nikla [Remake]

MAJROOH SULTANPURI, S. D. BURMAN

चांद फिर निकला, मगर तुम न आये
जला फिर मेरा दिल, करुँ क्या मैं हाये
चांद फिर निकला, मगर तुम न आये
जला फिर मेरा दिल, करुँ क्या मैं हाये
चांद फिर निकला

ये रात कहती है वो दिन गये तेरे
ये जानता है दिल के तुम नहीं मेरे
ये रात कहती है वो दिन गये तेरे
ये जानता है दिल के तुम नहीं मेरे
खड़ी मैं हूँ फिर भी निगाहें बिछाये
मैं क्या करूँ हाय के तुम याद आये
चांद फिर निकला, मगर तुम न आये
जला फिर मेरा दिल, करुँ क्या मैं हाये
चांद फिर निकला

सुलगते सीने से धुंआ सा उठता है
लो अब चले आओ के दम घुटता हैं
सुलगते सीने से धुंआ सा उठता है
लो अब चले आओ के दम घुटता हैं
जला गये तन को बहारों के साये
मैं क्या करुँ हाय के तुम याद आये
चांद फिर निकला, मगर तुम न आये
जला फिर मेरा दिल, करुँ क्या मैं हाये
चांद फिर निकला

Curiosità sulla canzone Chand Phir Nikla [Remake] di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Chand Phir Nikla [Remake]” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Chand Phir Nikla [Remake]” di di Lata Mangeshkar è stata composta da MAJROOH SULTANPURI, S. D. BURMAN.

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