Bidaai Ki Phir Ghadi Aai
बिदाई की घड़ी आई
मेरे बच्चे क्यों रोते हो
मेरे बच्चे क्यों रोते हो
हँसो दुखि तुम क्यों होते हो
तुम मेरी मुस्कान तोह देखो
जाती माँ की शान तोह देख
मन में कोई प्यास नहीं है
बाकी कोई आस नहीं है
गोद में झुलाते तुमको देखा
हलके फुलते तुमको देखा
बेटे बहुएं पोते देखे
कार्य सफल सब होते देखे
मेरे करम हुये सब पुराण
माँ के धर्म हुये सब पुराण
माँ मिटटी है ममता धरती
माँ के संग ममता नहीं मरती
तुम टुकड़े हो मेरे दिल के
तुम टुकड़े हो मेरे दिल के
इस घर में रहना मिलके
आया जाया करूंगी आँगन
बनके मैं पुरवाई
आया जाया करूंगी आँगन
बनके मैं पुरवाई
बिदाई बिदाई