Aha Le Gai Woh Jiya Le Gai
आहा ले गयी ऊ जिया ले गयी
आहा ले गयी ऊ जिया ले गयी
च्चवि सुंदर सलोने गोपाल की
ऊ मान भाए सूरत नंदलाल की
आहा ले गयी ऊ जिया ले गयी
च्चवि सुंदर सलोने गोपाल की
ऊ मान भाए सूरत नंदलाल की
आहा ले गयी
कुंज वन मे वो बंसी बजाए रे
मोहे करके इशारे बुलाए रे
ऊ खेंची जौ मई चंचल प्ताँग सी
जैसे चाहे वो मुझको नचाए रे
कुछ ना पुच्छे कोई सबकी हालत वही
भेद उसकी गयी हाल चल की
आहा ले गयी,
च्चवि सुंदर सलोने गोपाल की
ऊ मान भाए सूरत नंदलाल की
आहा ले गयी
सदके जादू है उसकी मुस्कान मे
मोहनी मंतर मुरली की शान मे
माल टूटे मचल जाए मालिनी
हंस के सब कुछ वो कहता है कन मे
जब उसकी बंसी बजे जाग मे धूम मचे
उसकी मुरली की धुन है कमाल की
आहा ले गयी ऊ जिया ले गयी
च्चवि सुंदर सलोने गोपाल की
ऊ मान भाए सूरत नंदलाल की
आहा ले गयी ऊ जिया ले गयी
च्चवि सुंदर सलोने गोपाल की
ऊ मान भाए सूरत नंदलाल की
आहा ले गयी