Ae Phansa

Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

ऐ फँसा
महं महं अरे अरे अरे
उसका छूटा घरबार संसार
जो करके प्यार यार किसी के दिल में बसा बसा बसा
ऐ फँसा
उसका छूटा घरबार संसार
जो करके प्यार यार किसी के दिल में बसा बसा बसा
ऐ ऐ ऐ ऐ फँसा

ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला

ये एक साल बचपन और जवानी के बीच का बड़ा बुरा
होता है यह एक साल
नौजवानों का नादानों का दीवानों का
ये एक साल
बचपन और जवानी के बीच का बड़ा बुरा होता है
आशिक़ का हो गया नाम बदनाम
हुआ अंजाम सुबहो शाम ज़माना हंसा हंसा हंसा हा हा हा हा
ऐ फँसा
उसका छूटा घरबार संसार
जो करके प्यार यार किसी के
दिल में बसा बसा बसा
ऐ ऐ ऐ ऐ फँसा

बचाके आँख
पँछी पिंजरा लेके उड़ जाए तो शायद जान
बच जाए बचाके आँख
किसी झरोखे से किसी मौके से कभी धोखे से
बचाके आँख
पँछी पिंजरा लेके उड़ जाए तो शायद जान बच जाए
जीना हुआ दुश्वार दिलदार
के लगा आर पार तीर
किसी ने कसा कसा कसा
ऐ ऐ ऐ ऐ फँसा
उसका छूटा घरबार संसार
जो करके प्यार यार किसी के
दिल में बसा बसा बसा
ऐ फँसा

Curiosità sulla canzone Ae Phansa di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Ae Phansa” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Ae Phansa” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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