Aaj To Meri Hansi Udai [Classic Revival]
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
लुटे यहाँ चमन अंधेरो में
बिके यहाँ बदन अंधेरो में
लुटे यहाँ चमन अंधेरो में
बिके यहाँ बदन अंधेरो में
भूली हास् के इस बस्ती में ओ
रूप की चाँदी लाज़ है सोने का
व्योपार है सारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
सोचा कभी मै हु एक इंसा भी
मैं ही कभी बहन माँ भी
सोचा कभी मै हु एक इंसा भी
मैं ही कभी बहन माँ भी
तुम तो प्यासी प्यासी आँखे लेके
हो करने को आये मेरे लबों पे
मेरे लहू का नजारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
सबको गुनाहो में मगन देखा
देखा सरीफो का चलन देखा
सबको गुनाहो में मगन देखा
देखा सरीफो का चलन देखा
सबकी इनायत हाय देखि मैन हो
मेरे ही दिल के टुकड़े हो मेरा
मेरा आशिक़ कह के पुकारो
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा