Dost Milte Hain [Jhankar]

Sameer

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ

दोस्त मिलते हैं बिछड़ने के लिए
फूल खिलते हैं बिखरने के लिए
आशिया बनते उजड़ने के लिए
अब समझ आया कि दुनिया क्या है
अब समझ आया कि दुनिया क्या है

इक उबाल था इक जूनून था
मेरे जिस्म में गर्म खून था
सोचा कुछ नहीं बस निकल गया
अपनी आग में खुद ही जल गया
अपनी आग में खुद ही जल गया
धुप चढ़ती है उतर जाती है
मौज साहिल पे ठहर जाती है
बात भी हद से गुजर जाती है
अब समझ आया कि दुनिया क्या है
अब समझ आया कि दुनिया क्या है

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

हर तरफ यहाँ मौत है रवा
ज़िन्दगी मुझे लायी है कहाँ
देखा आईना तोह मै डर गया
जीने के लिए कितना मर गया
जीने के लिए कितना मर गया
वक्त जादू है यह चल जाता है
रूप का रंग भी ढल जाता है
तप के लोहा भी पिघल जाता है
अब समझ आया कि दुनिया क्या है
अब समझ आया कि दुनिया क्या है
दुनिया क्या है दुनिया क्या है

Curiosità sulla canzone Dost Milte Hain [Jhankar] di Kumar Sanu

Chi ha composto la canzone “Dost Milte Hain [Jhankar]” di di Kumar Sanu?
La canzone “Dost Milte Hain [Jhankar]” di di Kumar Sanu è stata composta da Sameer.

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