Apni Khamoshiyan
गजब की होती है खामोशियों की आवाज़
काम क्रोध मो माया और
अहंकार के शोर को पिघलाकार
बहती रहती है यह,
एक खिल खिलाती नदी की तरह
हम सिर्फ़ खामोशी
ऊओ….रब्बा ऊओ…रब्बा
अपनी खामोशियाँ मुझपर वार दे वो रब्बा
वार दे वो रब्बा, वार दे वो रब्बा
के मेरे लब्जों को तेरी आवाज़ मिलें
के मेरे लब्जों को तेरी आवाज़ मिलें
अपनी खामोशियाँ मुझपर वार दे वो रब्बा
वार दे ओ रब्बा, वार दे ओ रब्बा
अंबार के किसी कोने में
बिच्छा लूँगा मैं अपनी चादर
बारिश की बूँदों से भर
लूँगा मैं अपनी गागर
जर्रा जर्रा जगमगाने लगा,
मेरा रोम रोम मुस्कुराने लगा
इक तेरे मिलन के ख़याल से
अपनी दो जन्नाटे मुझपर वार दे ओ रब्बा
वार दे ओ रब्बा, वार दे ओ रब्बा
फिर तुम्हारे दरों का आफताब मिलें
फिर तुम्हारे दरों का आफताब मिलें
अपनी खामोशियाँ
चंचल मॅन बावरा यह मॅन,
भागता फिरें देखे जो ख़याल
साँसों को मधढाम कर दो
के साँस ना ले सके बेदर्द यह ख़याल
सिने में मची है खलबली,
भर दे सुकून से मेरी झोली
बस मांगू तुमसे यह दुवान
अपनी बेहद पनाहे मुझपे वार दे ओ रब्बा
वार दे ओ रब्बा, वार दे ओ रब्बा
के मेरे नसीबों का आकाश मिलें
के मेरे नसीबों का आकाश मिलें
अपनी खामोशियाँ मुझपर वार दे ओ रब्बा
वार दे ओ रब्बा
के मेरे लब्जों के तेरी आवाज़ मिलें
के मेरे लब्जों के तेरी आवाज़ मिलें
अपनी खामोशियाँ मुझपर वार दे ओ रब्बा
ओ रब्बा