Subah Ki Pehli Kiran

NIYAZ HYDER, PANNALAL GHOSH

सुबह की पहली किरण तक
ज़िंदगी मुस्किल मे है
सुबह की पहली किरण तक
ज़िंदगी मुस्किल मे है
आए वतन वालो अंधेरा
आखरी मंज़िल मे है
आए वतन वालो अंधेरा
आखरी मंज़िल मे है सुबह की

जेलटी दीवार क्या है
ख्वाब की जंजीर क्या
जेलटी दीवार क्या है
ख्वाब की जंजीर क्या
सॉक ए आज़ादी आए दोस्त
अगर अपने दिल है
सॉक ए आज़ादी आए दोस्त
अगर अपने दिल है
आए वाटन वालो अंधेरा
आखरी मंज़िल मे है सुबह की
खून का दरिया वतन की नाव
तूफ़ानी बाहर आज तूफान बोल कितनी
मौज तूफान बोल कितनी
देख अफसा दिल मे है
मौज तूफान बोल कितनी
देख अफसा दिल मे है
सुबह की पहली किरण तक
सुबह की पहली किरण तक
आए वतन वालो अंधेरा
आखरी मंज़िल मे है सुबह की
ज़िंदगी फाँसी के तख्तो
पर बिछे जाती रही
प्रीत वो बेचैन कितना
आज अपने दिल मे है
प्रीत वो बेचैन कितना
आज अपने दिल मे है
आए वतन वालो अंधेरा
आज अपने दिल मे है
आए वतन वालो अंधेरा
आखरी मंज़िल मे है सुबह की

Curiosità sulla canzone Subah Ki Pehli Kiran di Kishore Kumar

Chi ha composto la canzone “Subah Ki Pehli Kiran” di di Kishore Kumar?
La canzone “Subah Ki Pehli Kiran” di di Kishore Kumar è stata composta da NIYAZ HYDER, PANNALAL GHOSH.

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