Raahi Tha Main Awara
राही था मैं आवारा
फिरता था मारा मारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
राही था मैं आवारा
फिरता था मारा मारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
राही था मैं आवारा
महके हुए बदन से
खुसबु सी आ रही है
महके हुए बदन से
खुसबु सी आ रही है
जैसे पवन कही पर
चंदन लूटा रही है
आँखो से कोई दिल में
ऐसा उतर रहा है
बेनाम सा नशा है
राही था मैं आवारा
फिरता था मारा मारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
राही था मैं आवारा
जी चाहता है मेरा
कोई रात ऐसी आए
जी चाहता है मेरा
कोई रात ऐसी आए
देखे जो साथ हुमको
फिर लौट के ना आए
मैं तुझको कुच्छ ना बोलू
तुम मुझसे ना बोलो
खामोशिया भी सोचे
ये कों सी अदा है
बेनाम सा नशा है
राही था मैं आवारा
फिरता था मारा मारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
राही था मैं आवारा
देखा ज़िदार ज़िदार भी
मस्तीभारी नज़र से
देखा ज़िदार ज़िदार भी
मस्तीभारी नज़र से
राहो में रंग च्चाए
भागो में फूल बरसे
जैसे कदम कदम पे
मयखना खुल गया है
बेनाम सा नशा है
राही था मैं आवारा
फिरता था मारा मारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
तेरे सहर में आ कर एक दिन
चमका तक़दीर का तारा
राही था मैं आवारा