Phir Wohi Raat Hai Khwab Ki

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

फिर वही रात है
ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म
फिर वही रात है फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं
देखा करेंगे तुम्हे
फिर वही रात है
फिर वही रात है फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं
देखा करेंगे तुम्हे
फिर वही रात है

मासूम सी नींद मैं जब कोई सपना चले
हो हम को बुला लेना तुम पलकों के पर्दे तले
हो ये रात है ख्वाब की ख्वाब की रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की

काँच के ख्वाब हैं आँखों में चुभ जायेंगे
हो पलकों पे लेना इन्हें आँखों में रुक जायेंगे
हो ये रात है ख्वाब की ख्वाब की रात है
फिर वही रात है फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं
देखा करेंगे तुम्हे
फिर वही रात है
रात है
रात है

Curiosità sulla canzone Phir Wohi Raat Hai Khwab Ki di Kishore Kumar

Chi ha composto la canzone “Phir Wohi Raat Hai Khwab Ki” di di Kishore Kumar?
La canzone “Phir Wohi Raat Hai Khwab Ki” di di Kishore Kumar è stata composta da GULZAR, RAHUL DEV BURMAN.

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