Phir Suhani Sham Dhali

Irshad, Kishore Kumar

रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु रु रु रु

हम्म फिर सुहानी शाम ढली फिर बढ़ चली बेकली
हम्म फिर नज़ारे खिल गये झूमने लगी जिंदगी

आके तू थाम ले सनम दूरियों को मिटा दे
बनके तू प्यार का बादल दिल की ये आग बुझादे
आके तू थाम ले सनम दूरियों को मिटा दे
बनके तू प्यार का बादल दिल की ये आग बुझादे
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला

फिर सुहानी शाम ढली फिर बढ़ चली बेकली

जिंदगी की राह पर तुम हुये जो हमसफर
प्यार की मंजिल नयी लो मिल गयी ई ई ई
जिंदगी की राह पर तुम हुये जो हमसफर
प्यार की मंजिल नयी लो मिल गयी ई ई ई

ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला

हम्म फिर सुहानी शाम ढली फिर बढ़ चली बेकली
बेंकली बेकली

Curiosità sulla canzone Phir Suhani Sham Dhali di Kishore Kumar

Quando è stata rilasciata la canzone “Phir Suhani Sham Dhali” di Kishore Kumar?
La canzone Phir Suhani Sham Dhali è stata rilasciata nel 1974, nell’album “Badhti Ka Naam Dadhi”.
Chi ha composto la canzone “Phir Suhani Sham Dhali” di di Kishore Kumar?
La canzone “Phir Suhani Sham Dhali” di di Kishore Kumar è stata composta da Irshad, Kishore Kumar.

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