Mere Mehboob Qayamat Hogi [Short]
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
नाम निकलेगा तेरा ही लब से
जान जब इस दिल ए नाकाम से रूकसक होगी
मेरे महबूब
मेरे सनम के दर से अगर
बाद-ए-सबा हो तेरा गुज़र
कहना सितमगर कुछ है ख़बर
तेरा नाम लिया जब तक भी जिया
ऐ शमा, तेरा परवाना
जिससे अब तक तुझे नफ़रत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब, क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब