Dhoop [Piano Mix]
Umar Anwar, Bilal Ali
धूप में खड़ा बिखर रहा था मैं
बादलों ने भी साया ना दिया
हैं भारी यह क़दम, क्या दिल में है वज़न
तू जा रहा है कहाँ, अपनी मंज़िल तो बता
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
अंधेरोन से जला एक आस का दिया
उस आस के तले, था रहगुज़र मेरा
ए हो हमसफ़र तू क्यूँ है बेख़बर
तू जा रहा है कहाँ, अपनी मंज़िल तो बता
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
ओ हो हो हो हो हो
धूप में खड़ा बिखर रहा था मैं