Zinda Hota Mein [Reprise]

Hanif Shaikh, Shraddha Bhilave, Sugat

अधूरी सिकयते तेरे मेरे वक़्त की
कुछ पल की जो खाइशे
है बिखरी रेत सी
लकीरों में तेरा जो रहता पल मेरा
थम जाता अगर ज़रा तेरा जहाँ खुदा

तो ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में
हाँ ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में

फरेबी नजाकत में
तेरे चेहरे की हंसी में
हाँ यही तेरे बात में
झुटला ले ज़िन्दगी
नज़रों में जो समां रहता तू अगर ज़रा
काजल की छओ से में नींद लेता चुरा
तो ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में
हाँ ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में
राख की बारिशों में
वक़्त की साज़िश में
मैं ये हारा
मैं ये हारा
मैं ये हारा
खेल दिल दा हुआ है ये जाया सारा
खेल दिल दा हुआ है ये जाया सारा

अधूरी सीकायते तेरे मेरे वक़्त की
कुछ पल की जो ख्वाहिशे
है बिखरी रेत सी
लकीरों में तेरा जो रहता पल मेरा
थम जाता अगर ज़रा तेरा जहाँ खुदा

तो ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में
हाँ ज़िंदा होता में
तो ज़िंदा होता में

Curiosità sulla canzone Zinda Hota Mein [Reprise] di Jubin Nautiyal

Chi ha composto la canzone “Zinda Hota Mein [Reprise]” di di Jubin Nautiyal?
La canzone “Zinda Hota Mein [Reprise]” di di Jubin Nautiyal è stata composta da Hanif Shaikh, Shraddha Bhilave, Sugat.

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