Phir Mohabbat [Acoustic]
जब जब तेरे पास मैं आया
इक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आए मौसम ग़म के तुझे याद किया
हो जब सहमे तन्हांपन से तुझे याद किया
दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
ओ ओ ओ ओ ओ ओ हो ओ
हो ओ ओ ओ ओ
जिस राह पे है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा
तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है ये सिलसिला
जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ