Mehsoos Hua
आँखों ने सुन लिया
दिल की दबी ज़ुबान
जो तुझमे था अनकहे
वो होने लगा बयान
हज़ारों वो खावहिशें
जो खोई थी राह में
तुझ से मिल के वो मिल गया
बिखरा था सिमट गया
महसूस हुआ तुझसे
है मुकामल ये जहाँ रे
महसूस हुआ हन तू है
मेरा राज़दान रे
कभी लगे ये फ़िक्र
भी मॅन में कहीं
कहीं खो ना दूँ छाओं
में साए तेरे, साए तेरे
हो मैने ये चाहा रब से बस ये
बाँटू मैं हर सांस को
संग तेरे, संग तेरे
ख्वाबों ने चुन लिया
चेहरा तेरा मेरा
मैं भटका सा राही था
तू बनी मेरी रहबरा
महसूस हुआ
तुझसे है मुकम्मल जहाँ रे
महसूस हुआ
हन मेरी है तू राज़दान रे हो हो हो