Choolhe Ke Angaarey
AMOLE GUPTE, HITESH SONIK
चूल्हे के अंगारे जैसे
पहले तड़पाते हाथों को
तब नसीब रोटी होती है
चूल्हे के अंगारे जैसे
पहले तड़पाते हाथों को
तब नसीब रोटी होती है
जीवन सार यही है मनवा
तू कर, मत डर
अंगारों पर चलना है सही
यही जीवन ज्योति है
चूल्हे के अंगारे जैसे
पहले तड़पाते हाथों को
तब नसीब रोटी होती है
जीवन सार यही है मनवा
तू कर, मत डर
अंगारों पर चलना है सही
यही जीवन ज्योति है
यही जीवन ज्योति है