Bhagwati Songs
BHUPEN HAZARIKA, MAYA GOVIND
हे भन्वती आज अपने
पिता अगर मधुर गाएँगे
चारो दियए दिवाकर
की ज्योति से डंके
मुहा आकृति नयन मैं
करोड़ो डीप झिलमियाएँगे
खुले केश सिंदूर माथे पे डंके
गले रक्त कमलो की माला भी डंके
मिला है तुम्हे तेज हर देवता से
तुम्हारे दर्श को
हर एक नैन तरसे
जाई देवी दुरगे नामो देवी दुरगे
जाई दुरगे नामो देवी दुरगे
हे शिवप्रतिया ससी
शेखरा शक्ति स्वरूपा
त्रिपुर सुंदरी सांखम
चाकर धनु खड़ाग धारिणी
हे माता सिंग शोभिता
महिषासुर दानव संघरहणी
उमा पार्वती कन रूपदा
दुर्गा दुर्गति हरनी जीवादनी
सुग्धा मा रतन कुंदना
हाँ चंडी दुर्गे नमवी
हे जगत जननी
हे माता दुर्गे
पुष्ट सिंघारणी
या दुर्गे तू हे चंद मुंड म्रगिनी
जागो तुम जागो आ आ आ आ आ आ