Aap Se Mausiiquii
Manoj Muntashir
हल्का हल्का सा है नूर दिल में
साँसों में भी है आहिस्तगी
बेईक्तेयारी ये कह रही है
मेरी तो दुनिया बस आप ही
आप से आशिक़ी
आप से मौसिक़ी, मौसिक़ी आप से
आप से आशिक़ी
आप से मौसिक़ी, मौसिक़ी
आ मौसिक़ी
आ मौसिक़ी
कब से जाने कब से
मेरे दिल में है ये बेकरारियां
धीमे धीमे धीमे
सीने पे यादें चलाये आरियाँ
रब से है ये गुजारिशें
कायम रहे ये ख्वाहिशें
में इन आँखो से कुछ ना देखूँगा
मेरा मंज़र तो बस आप हैं
बहार बहार के है किस्से है सारे
मेरे अन्दर तो बस आप है
आप से आशिकी
आप से मौसिकी, मौसिकी
आप से आप से आशिकी
आप से मौसिकी, मौसिकी
आ मौसिकी