Boht Hard
ना मैं लौंडा अमीर घर का घूमा हू गलियों में
बातें मैं सड़क की लिखता करता हू, करता जो
मुझे तोड़ा अजीब लगता
बिन वजह की तकलीफे हर वक़्त सहता क्यूँ
परंपरा नही है फिर भी हू मैं संस्कारी
सड़क पे रह के सीखा मैने पडू तुझपे भारी, बहुत भारी
मेरा काम भारी
तू खाली जाम कारी
यारों रात को सिग्नल पे सोता हू ले ले जानकारी
हन ना गली से, ना मोहल्ले से
मैं निकला हू सड़क से
मुंबई की दादागिरी फुक्कड़ भड़कते हम पे
फिर भी छ्चोड़ा ना तोड़ा आया रुला ना रुलाया
तू क्यूँ पाला पड़ा तेरा सड़क से
भटके तो लेते झड़प में
चल ना, हॅट ना, वत्ट ना
उपर से, नीचे से, पीछे से
देखें तू बहुत ग़लत किया तूने
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत बहुत
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत बहुत हे हे हे हे
सुन बहुत hard था Physics और maths पास करोना
वता दिया पढ़ाई शुरू किया पन्ने को भरोना
Item भी परेशन बोली “chat तो तू करोना
भूल चुका है, सड़क में डूब चुका हा
सड़क पे सुनेगा बेटा तू मा बहन की गलियाँ
तो छलके जाता काम पे तो पॉकेट को चुरा लिया
छुपा लिया, खुद को ऐसे भीड़ में
सबसे हट के दिखना है तो
ताक़त चाहिए रीढ़ में
हन लेड में हीरो बनूंगा
ऐसे ख्वाब रखने वेल सड़क से
भेजे को चला छोटे, सोच तोड़ा अलग से
हलक से उतरा मैने 10 रुपये का वड़ा पाव
ऐसे दिन देखे है मैने तब जाके बड़ा भाव मेरा
मालूम है ना सुन
हाँ हस्ता हू मैं
इनके सोच पे तरसता हू मैं
Hip hop का, मान्सून का बादल हू
बरसता हू मैं
सच सच shot देने आया सीधा पच पच
अपने काम पे ध्यान दे
क्यूँ खोता करता मच मच बच बच कितने सारे
परेशानी रास्ते में छाई खारी चलता है
अपने मुंबई का नाश्ते में
खुल के ज़रा साँस ले बे
ज़िंदगी के फ़ासले में
कितना कुच्छ है कहने को
और कितना कुच्छ है पास मेरे
फिर भी हासिल क्यूँ ना
कर पाते हैब वो भाई लोग
सिर्फ़ बोल बाकचान बनके रहते नक़ली dialogues
बंटाई लोग बंद करो वरना भाई लोग
वरना लड़की भी बुलाएगी तेरे को भाई लोग
चल
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत बहुत
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत hard , बहुत hard क्या
बहुत बहुत बहुत