Ek Main Aur Ek Tu
DABOO KRISH MALIK, GULSHAN BAWRA, RAHUL DEV BURMAN
एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
हे एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
और जो तन मन में हो रहा है
ये तो होना ही था
एक मैं और एक तू
एक मैं और एक तू
क्यूँ नहीं, मिलते हैं यार यार से
दे मुझे, प्यार का जवाब प्यार से
धड़कनें हुई जवाँ
वक़्त भी है महरबाँ
फिर ये कैसी दूरियाँ
बोलो बोलो बोलो बोलो बोलो
ष्ह्ह ष्ह्ह ष्ह्ह्ह्ह
हे एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
और जो तन मन में हो रहा है
ये तो होना ही था (हा हा हा हा )()ये तो होना ही था)
दूरियाँ, वक़्त आने पे मिटायेंगे
एक दिन, इतना पास पास आयेंगे
इंतज़ार तब तलक
बेक़रार तब तलक
यूँ ही प्यार तब तलक
बोलो बोलो बोलो बोलो बोलो
ष्ह्ह ष्ह्ह्ह ष्ह्ह्ह्ह
एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
एक मैं और एक तू
दोनों मिले इस तरह
और जो तन मन में हो रहा है
ये तो होना ही था