Darasal Lofi
तुम तो दरअसल ख्वाब की बात हो
चलती मेरे ख्यालो में तुम साथ साथ हो
मिलती है जो अचानक वो सौगात हो
तुम तो दरअसल मीठी सी प्यास हो
लगता है ये हमेशा की तुम आस पास हो
ठेहरा है जो लबों पे वो एहसास हो
तेरी अदा अदा पे मरता मैं
वफ़ा वफ़ा सी करता क्यूँ
हदों से हूँ गुजरता मैं ज़रा ज़रा ज़रा
तुम तो दरअसल साँसों का साज हो
दिल में मेरे छुपा जो वही राज राज हो
कल भी मेरा तुम ही हो मेरा आज हो
कल भी मेरा तुम ही हो मेरा आज हो
होता है ऐसा अक्सर दिल ये किसी को दे कर
लगता हसी है सारा शहर वो हो
अब देख तेरा होकर, ऐसा असर है मुझ पर
हस्ता रहु मैं आठो पहर
हो तुम तो दरअसल इश्क़ हो प्यार हो
आती मेरे फ़सानो मे तुम बार बार हो
इंकार में जो छुपा है वो इकरार हो
इंकार में जो छुपा है वो इकरार हो