Kaun Jaane Ke
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैने लिखा था ज़रूरत
हैं सहारे की
दो सहारा जो मुझे
तुम तो इनायत होगी
इक सहारे की तुम्हें
भी तो ज़ूरुरत होगी
कार्लो समिल मुझे आँखों
की निगहबानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैने लिखा था
मेरा कोई नही दुनिया में
मैइले आकाश पे जैसे
कोई बादल तन्हा
जैसे बस्ती को किसी
मोड़ पे इतर तन्हा
जैसे मुरजया हुआ
कोई कमाल पानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैने लिखा था मगर
ये मुझे मालूम ना था
मैं तुम्हें रूह की
जागीर नही लिख सकता
खत तो लिख सता हूँ
तक़दीर नही लिख सकता
भूल जाना
भूल जाना के ख़ता
हो गयी नादानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
कौन जाने की तुम्हें
याद भी है याकि नही
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में
मैं ने इक खत तुम्हाइन
लिखा था परेशानी में