Woh Subah Kabhi To Aayegi [Duet]

Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi

वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी
इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर छलकेगा
जब अम्बर झूम के नाचेगी जब धरती नग़मे गाएगी
वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी

ह्म ह्म आ आ आ आ आ आ
जिस सुबह की खातिर जुग जुग से
हम सब मर मर के जीते हैं
आ आ आ आ आ आ आ आ
जिस सुबह की अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं
ह्म ह्म
इन भूखी प्यासी रूहों पर एक दिन तो करम फ़रमायेगी
वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी

आ आ ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ आ
माना के अभी तेरे मेरे अरमानों की कीमत कुछ भी नहीं ह्म ह्म
मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर
इंसानो की कीमत कुछ भी नहीं आ आ
इंसानो की इज़्ज़त जब झूठे सिक्कों में ना तोली जायेगी
वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी

Curiosità sulla canzone Woh Subah Kabhi To Aayegi [Duet] di Asha Bhosle

Chi ha composto la canzone “Woh Subah Kabhi To Aayegi [Duet]” di di Asha Bhosle?
La canzone “Woh Subah Kabhi To Aayegi [Duet]” di di Asha Bhosle è stata composta da Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi.

Canzoni più popolari di Asha Bhosle

Altri artisti di Pop rock