Vade Ki Sham Hai

Anand Bakshi

बड़े हसीन बहाने से
काम लेते हो
मैं आज कहती हू
तुम कल का नाम लेते हो

वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
तारो की चैया सैया बैया ना छ्चोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना

मैं ना छ्चोड़ूँगी बैया मैं बड़ी वो हू सैया
मैं ना छ्चोड़ूँगी बैया मैं बड़ी वो हू सैया
डोर जो दिल की च्छुटी
मैं तो इस बार रूठी
रूठी तो फिर घुंघटा मैं ना खोलूँगी
मुख से फिर घुंघटा मैं ना खोलूँगी
ना खोलूँगी ना बोलूँगी मैं रोलूँगी इसलिए
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना

तुम तो कहते थे रानी तुमको दूँगा निशानी
तुम तो कहते थे रानी तुमको दूँगा निशानी
लाओ कोई अंगूठी वरना समझो मैं रूठी
रूठी तो कल शाम को मैं ना आउंगी
रूठी तो कल शाम को मैं ना आउंगी
तड़पाऊंगी तरसाऊँगी ना आउंगी इसलिए
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
तारो की चैया सैया बैया ना छोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना
वादे की शाम है वादा ना तोड़ना

Curiosità sulla canzone Vade Ki Sham Hai di Asha Bhosle

Chi ha composto la canzone “Vade Ki Sham Hai” di di Asha Bhosle?
La canzone “Vade Ki Sham Hai” di di Asha Bhosle è stata composta da Anand Bakshi.

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