Mushkil Mein Pad Gai Jaan
मैं ने झरोखे से
क्यों झाँका मैं कितनी नादाँ
सामने छत से देख रहा था
मुझको वो बेईमान
मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान (मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान)
हाय हाय मुश्क़िल में पड़ गयी जान (हाय हाय मुश्क़िल में पड़ गयी जान)
चल गए नैनों के तीर कमान (चल गए नैनों के तीर कमान)
मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान (मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान)
हाय हाय मुश्क़िल में पड़ गयी जान (हाय हाय मुश्क़िल में पड़ गयी जान)
वो रोज़ छत पर आने लगा आने लगा
हाथों से हाय दिल जाने लगा जाने लगा
बन के हवा का झोंका कोई
ज़ुल्फ़ें मेरी बिखरने लगा
बिखरने लगा
उल्फत में है धोखा (उल्फत में है धोखा)
न जा न जा मैं ने रोका (न जा न जा मैं ने रोका)
पर ठेहरा न दिल अन्जान (पर ठेहरा न दिल अन्जान)
मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान (मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान)
हाय हाय मुश्किल में पड़ गयी जान (हाय हाय मुश्क़िल में पड़ गयी जान)
चल गए नैनों के तीर कमान (चल गए नैनों के तीर कमान)
मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान (मैं मर गयी मुश्किल में पड़ गयी जान)
मैंने मोह्हबत की है ज़रूर
की है ज़रूर
इसमें नहीं है कुछ मेरा क़ुसूर
मेरा क़ुसूर
वो आ गया यू मेरे क़रीब
मैं रह सकीं ना ज़ालिम से दूर
हाय ज़ालिम से दूर
बादल जब झुका है (बादल जब झुका है)
किसके रोके से रुक है (किसके रोके से रुक है)
आया आया नदी मैं तूफ़ान (आया आया नदी मैं तूफ़ान)
मैं मर गयी मुश्किल (मैं मर गयी मुश्किल)
में पड़ गयी जान (में पड़ गयी जान)
हाय हाय मुश्क़िल (हाय हाय मुश्क़िल)
में पड़ गयी जान (में पड़ गयी जान)