Mere Hamsafar Tujhe Kya Khabar
रात आई है
मोहब्बत की कहानी लेके
चाँद निकला है
तमन्ना की जवानी लेके
दिन निकलते ही
मुझे दूर कहीं जाना
आखिरी रात की
आँखों में निशानि लेके
मेरे हमसफ़र तुझे क्या खबर
है चला किधर मेरा कारवां
मेरे हमसफ़र तुझे क्या खबर
है चला किधर मेरा कारवां
जहां मौत ही के है रासते
नहीं ज़िंदगी का कोई निशाँ
है चला किधर मेरा कारवां
मेरे हमसफ़र
आ आ आ आ आ आ
मेरी ज़िंदगी तो है रात भर
कोई बात सुन कोई बात कर
मेरी ज़िंदगी तो है रात भर
कोई बात सुन कोई बात कर
मेरी मौत मुझको बुला रही
ज़रा छेड़ दे कोई दास्तां
मेरे हमसफ़र
आ आ आ आ आ आ
ज़रा और भी मेरे पास आ
मुझे देख देख के मुस्कुरा
ज़रा और भी मेरे पास आ
मुझे देख देख के मुस्कुरा
घड़ी दो घड़ी की ये फ़ुरसतें
है लिखि नसीब में फिर कहाँ
जहां मौत ही के है रासते
नहीं ज़िंदगी का कोई निशाँ
है चला किधर मेरा कारवां
मेरे हमसफ़र