Dil Se Majboor Ghulamon Ki
दिल से मजबूर गुलामो की ये निकली आवाज़
खुल गया आज से इंसान की तक़दीर का राज़
एक ही सक मे खड़े हो गये महमूदो अयाज़
ना कोई बंदा रहा और ना कोई बंदा नॉवज़
आँखो को ये अल्लाह का जलवा नज़र आया
राहो मे फकिरो को गले आज लगाया
आँखो को ये अल्लाह का जलवा नज़र आया
राहो मे फकिरो को गले आज लगाया
दिल झूम उठा आज ग़रीबो का खुशी से
शिकवा है किसी का ना, ना शिकायत है किसी से
सब एक हुए वाह तेरी शान ख़ुदाया
राहो मे फकिरो को गले आज लगाया
इन्सा की जूबा पर ना रहा गम का सतना
गूंजा है फ़िज़व मे मोहब्बत का तराना
मंज़िल का नया रास्ता किस्मत ने दिखाया
राहो मे फकिरो को गले आज लगाया
आ जाओ बदल डाले ये रफ़्तार ज़माना
अब और चलेगा ना ये दस्तूर पुराना
हो हो हो
उठो मेरी दुनिया के ग़रीबो को जगा दो
दिलशाह का इंसाफ़ किनरो से हिला दो
जिस खेत के मजदूरो को मिलती नही रोटी
उस खेत के हर दाने को तुम आग लगा दो
आग लगा दो, आग लगा दो, आग लगा दो