Dil Ki Lagi Aesi Lagi
दिल की लगी ऐसी लगी
अब तो सनम बुझती नही
दिल की लगी ऐसी लगी
अब तो सनम बुझती नही
मीठी चुभन रे सची लगान रे
मीठी चुभन रे सची लगान रे
तेरी कसम चुभती नही
बातों बातों मे क्या
हुआ दिल मचल गया
देखा जो तुमने मुझको तो
फिर संभाल गया
भूल गयी मई सारी दुनिया
एक तेरे साइवा
जादू सा आँखो का
तेरा ऐसा चल गया
बोले बोले डोले दिल मेरा
अब ये तड़प सी रुकती नही
दिल की लगी रे ऐसी लगी
दिल की लगी ऐसी लगी
अब तो सनम बुझती नही
सुनी सुनी सी महफ़िल
फिर मेरी हुई जवान
जागे फिर अंगड़ाई लेके
दिल के अर्मा
एक नयी जन्नत सी मुझको
देखो आज मिली
दर्द की मंज़िल पीछे रह गयी
जाने अब कहा
देखो देखो जान लिया
दुनिया ने मान लिया
प्रीत कभी भी जुक्ति नही
दिल की लगी ऐसी लगी
अब तो सनम बुझती नही
मीठी चुभन रे साची लगान रे
मीठी चुभन रे साची लगान रे
तेरी कसम चुभती नही