Chand Sa Mukhda
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
आँख मिली और दिल घबराया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
आँख मिली और दिल घबराया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
झुक गये चंचल नैना, इक झलकी दिखला के
झुक गये चंचल नैना, इक झलकी दिखला के
बोलो गोरी क्या रखा है, पलकों में छुपाके
तुझको रे साँवरिया, तुझसे ही चुराके
तुझको रे साँवरिया, तुझसे ही चुराके
नैनों में सजाया मैंने कजरा बसा के
नींद चुराई तूने दिल भी चुराया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
आँख मिली और दिल घबराया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
ये भीगे नज़ारे, करते हैं इशारे
ये भीगे नज़ारे, करते हैं इशारे
मिलने की ये रुत है गोरी, दिन हैं हमारे
सुन लो पिया प्यारे, क्या कहते हैं तारे
सुन लो पिया प्यारे, क्या कहते हैं तारे
हमने तो बिछड़ते देखे कितनों के प्यारे
कभी न अलग हुई काया से छाया
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
चाँद सा मुखड़ा