Chali Kaun Se Des Gujariya
चली कौनसे देश गुजरिया तू सजधज के
चली कौनसे देश गुजरिया तू सजधज के
जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सजधज के
जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सजधज के
चली कौनसे देश गुजरिया तू सजधज के
छलकें मात पिता की अँखियाँ
रोवे तेरे बचपन की सखियां
भैया करे पुकार हो
भैया करे पुकार ना जा घर आंगन तज के
जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सजधज के
चली कौनसे देश गुजरिया तू सजधज के
दूर देश मेरे पी की नज़रिया
मैं उनकी वो मेरे संवरिया
बांधी लगन की डोर हो
बांधी लगन की डोर मैंने सब सोच समझके
जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सजधज के
चली कौनसे देश गुजरिया तू सजधज के