Barso Re Hay Bairi Badarwa

O P NAYYAR, QAMAR JALALABADI

और तो कोई नहीं सहारा तू ही हाथ बढ़ा दे
गंगा यमुना बन के बादल ग़म की आग बुझा दे
ओ बरसो रे, हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
बरसो रे, हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
आज किसी की प्रीत नगर में लग न जाये आग
बरसो रे हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
बरसो रे

बरसो रे बरसो रे बरसो रे

दुनिया वाले प्रीत के दुशमन दिल तड़पाने वाले
कोई नहीं बुझाने वाला सब हैं लगाने वाले
बरसो रे हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
आज किसी की प्रीत नगर में लग न जाये आग
बरसो रे हाय! बैरी बदरवा
बरसो रे

बरसो रे बरसो रे बरसो रे बरसो रे

अंगारों की डोली लाया जनम जनम का साथी
मौत का घूँघट ले कर मैं भी पिया मिलन को जाती
बरसो रे हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
आज किसी की प्रीत नगर में लग न जाये आग
बरसो रे हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
ओ बरसो रे

बरसो रे बरसो रे बरसो रे बरसो रे

Curiosità sulla canzone Barso Re Hay Bairi Badarwa di Asha Bhosle

Chi ha composto la canzone “Barso Re Hay Bairi Badarwa” di di Asha Bhosle?
La canzone “Barso Re Hay Bairi Badarwa” di di Asha Bhosle è stata composta da O P NAYYAR, QAMAR JALALABADI.

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