Badi Mushkil Se Kabu Men
आज की रात को खत्म न होने पाए
रोज़ होती है सहर
आज न होने पाए
आज की रात रात पे
गुलशन की बहारें कुर्बान
चाँद से कह दे कोई
आज न खोने पाए
बड़ी मुश्किल से कबू में
दिल-ए-दीवाना आया है
बड़ी मुश्किल से कबू में
दिल-ए-दीवाना आया है
नहीं है कुछ खबर अपनी
नशा उल्फत का छाया है
तुम्हारा था, तुम्हारा हूँ
तुम्हारा था, तुम्हारा हूँ
तुम्हारा ही रहुगा मैं
तुम्हीं को दे दिया ये दिल
तुम्हीं पे जान भी दूँगा मैं
मेरी पलकों पे देखो प्यार की
पलकों का साया है
बड़ी मुश्किल से काबू में
दिल-ए-दीवाना आया है
कोई देखे तुम्हें दिल को
गवारा कर नहीं सकती
कोई बाहों में लेले भी
गवारा कर नहीं सकती
मिटा के अपनी हस्ती को
तुम्हें अपना बनाया है
नहीं है कुछ खबर अपनी
नशा उल्फत का छाया है
मुबारक हो तुम्हें ये प्यार
ये घड़ियाँ मोहब्बत की
मुबारक हो तुम्हें ये प्यार
ये घड़ियाँ मोहब्बत की
न कम हो रहती दुनिया तक
कभी खुशियाँ मोहब्बत की
न कम हो रहती दुनिया तक
कभी खुशियाँ मोहब्बत की
दुआ देने यहाँ अपना तो क्या
बेगाना आया है
नहीं है कुछ खबर अपनी
नशा उल्फत का छाया है
मोहब्बत एक शोला है
तुम्हें समझाऊं मैं कैसे
मोहब्बत एक शोला है
तुम्हें समझाऊं मैं कैसे
ज़माना सामने है बात ये
बतलाऊं मैं कैसे
तुम्हारी रौशनी देखी तो ये
परवाना आया है
बड़ी मुश्किल से काबू में
दिल-ए-दीवाना आया है
नहीं है कुछ खबर अपनी
नशा उल्फत का छाया है