Ambar Ki Ek Pak Surahi

Amrita Preetam, Ustad Vilayat Khan

आ आ आ
अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर
अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर
घूँट चांदनी पी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने
अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर

कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं
माँग के अपनी मौत के हाथों
कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं
माँग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की सूनी सी है
हमने बात कुफ़्र की की है हमने
अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर

अपना इसमे कुछ भी नहीं है
अपना इसमे कुछ भी नहीं है
कुछ भी नहीं है
दो दिल जैसे दो दिल जैसे
उसकी अमानत
उसको वही
तो दी है
हमने बात कुफ़्र की की है हमने
अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर

Curiosità sulla canzone Ambar Ki Ek Pak Surahi di Asha Bhosle

Chi ha composto la canzone “Ambar Ki Ek Pak Surahi” di di Asha Bhosle?
La canzone “Ambar Ki Ek Pak Surahi” di di Asha Bhosle è stata composta da Amrita Preetam, Ustad Vilayat Khan.

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