Aaram Hain Haram

Prem Dhawan

आराम है हराम
आराम है हराम
आराम है हराम
भारत के नौ जयजवानो
आज़ादी के दीवानो
तुम देश के कोने
कोने मे पहुँचा दो ये पैगाम
आराम है हराम

आ देखो पड़े है देश मे
अब तक कितने काम अधूरे
मिलकर हाथ बाधाओ
तभी हो सकते है पूरे
जाओ एक हो जाओ इस
देश को स्वर्ग बनाओ
भारत का हो इस
दुनिया मे सबसे उँचा नाम
आराम है हराम

जात पात के बंधन
तोडो उँछ नीच को छ्चोड़ो
जात पात के बंधन
तोडो उँछ नीच को छ्चोड़ो
नए समय से नए
जगत से अपना नाता जोड़ो
नए समय से नए
जगत से अपना नाता जोड़ो
बदला धाग पुराना
है नया ज़माना है
ऐसा करो सवेरा
जिसकी कभी ना आए शाम
आराम है हराम

कभी किसी के आयेज
ना झोली फैलाना
ना झोली फैलाना
चाहे रूखी सुखी
ही हाथो से कमाकर खाना
ही हाथो से कमाकर खाना
यही है आन तुम्हारी
यही जान तुम्हारी
यही जान तुम्हारी
जिसमे अपना सर
झुकता हो करो ना ऐसा काम
आराम है हराम
आराम है हराम
भारत के नौ जयजवानो
आज़ादी के दीवानो
तुम देश के कोने
दुनिया मे सबसे उँचा नाम
आराम है हराम
आराम है हराम
आराम है हराम
आराम है हराम

Curiosità sulla canzone Aaram Hain Haram di Asha Bhosle

Chi ha composto la canzone “Aaram Hain Haram” di di Asha Bhosle?
La canzone “Aaram Hain Haram” di di Asha Bhosle è stata composta da Prem Dhawan.

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