Mera Intezaar Karna

Mithoon

फिर चांदनी वो राते आयगी फिर से मिलेंगे हम सनम
फ़िर रोशनी ख़ीड़की से आयेगी फ़िर हम पे होगे करम
फिर वादों से होके इन ख्वाबो को बोके ये रिश्ता निभाएंगे हम
फ़िर बरसेगा सावन महेकेगा वो आंगन के आयेंगे मोहब्बत का मौसम
सुबह को जगा के तू खुद को सजा के मेरा ही दीदार करना
मेरा इन्तेज़ार करना मेरा इन्तेज़ार करना
ज़रा ऐतबार करना मेरा इंतेज़ार करना आ

फिर ज़िन्दगी खुलके लहरायेगी
संग चलेंगे हर कदम
फिर आशिकी आलम महकाएगी
होंगे जुदा ना है कसम
हो अपना बसेरा
जो मेरा वो तेरा
बाटेंगे हो खुशिया या हो गम
एक बेटी खुदा दे
बस तेरी तरह दे
हम उसको सेहलायेंगे हर दम
सुबह को जगा दे
तू खुद को सजा के
मेरा ही दीदार करना
मेरा इन्तेज़ार करना
मेरा इन्तेज़ार करना
ज़रा ऐतबार करना
मेरा इंतेज़ार करना

आ आ आ आ आ आ रा आ आ

मेरा इंतेज़ार करना
मेरा इंतेज़ार करना
ज़रा ऐतबार करना
मेरा इंतेज़ार करना

Curiosità sulla canzone Mera Intezaar Karna di Armaan Malik

Chi ha composto la canzone “Mera Intezaar Karna” di di Armaan Malik?
La canzone “Mera Intezaar Karna” di di Armaan Malik è stata composta da Mithoon.

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