Jaane Na Dunga Kahin

Yash Narvekar

धीरे धीरे बढ़ने लगी
जाने कैसी ये दोस्ती
थोड़ा थोड़ा मैं तुझसा
तू मुझसी है होने लगी
ऊ ऊ ऊ हे हे हे ऊ ऊ ऊ
धीरे धीरे बढ़ने लगी
जाने कैसी ये दोस्ती
थोड़ा थोड़ा मैं तुझसा
तू मुझसी है होने लगी
मिला हूँ जबसे
तेरा हूँ तबसे
पास तेरे हूँ
दूर सब से
हुआ है जैसा
हुआ नही कभी
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं

जान लो जो तुम
हाल मेरा फ़िलहाल मेरा
मान लो जो तुम
दे दूँ जहाँ
दिल के मौसम में
कुछ तो बदला ज़रूर बदला
ले रही हो तुम किसी बात का
कि बिन तेरे अब ना गवारा
है गुज़ारा पल को भी
हुआ है जैसा
हुआ नही कभी
जाने ना दूँगा कहीं

की अब से तुम
बस इक हो मेरे
रात मैं हूँ तुम सवेरे
तुम जो आए
गये अंधेरे
कहना है बस यही
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं ये
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं

Curiosità sulla canzone Jaane Na Dunga Kahin di Armaan Malik

Chi ha composto la canzone “Jaane Na Dunga Kahin” di di Armaan Malik?
La canzone “Jaane Na Dunga Kahin” di di Armaan Malik è stata composta da Yash Narvekar.

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