Raakh

REEGDEB DAS, VAIBHAV SHRIVASTAVA

वो कहते है इश्क़ हद में करो
जो इश्क़ क्या है ना जाने
ये दिल तो अनपढ़ देहाती सा है
क्या कुछ लिखा है क्या जाने
बाहर से देखा जिन्होंने
अंदर चले क्या क्या जाने
हम जल जायेंगे राख बचेगी
इश्क़ में एक ना आग बचेगी
फिर भी इन सिली आखों में
आखरी लौ तक आस बचेगी
जल जायेंगे राख बचेगी
इश्क़ में एक ना आग बचेगी
फिर भी इन सिली आखों में
आखरी लौ तक आस बचेगी
अहं अहं ओ ओ ओ
चुप तो ना होगी मोहोबत
दुश्वारियों से डरा के
उम्मीद इसका लहू है
है दर्द इसकी खुराकें
जितने जख्म और जुड़ेंगे
उतना बढ़ेंगी ये शाखे
वो काट डाले हमे चाहे रोज
जिद जड़ में है क्या करे
एक प्यार एक जंग
दोनों के दोष
एक घर में है क्या करेंगे
एक दिल ही खुद में बहोत हे
किस किस की परवाह करेंगे
हम जल जायेंगे राख बचेगी
इश्क़ में एक ना आग बचेगी
फिर भी इन सिली आखों में
आखरी लौ तक आस बचेगी
जल जायेंगे राख बचेगी
इश्क़ में एक ना आग बचेगी
फिर भी इन सिली आखों में
आखरी लौ तक आस बचेगी
ऊ ऊ ऊ ऊ अहं अहं

Curiosità sulla canzone Raakh di Arijit Singh

Chi ha composto la canzone “Raakh” di di Arijit Singh?
La canzone “Raakh” di di Arijit Singh è stata composta da REEGDEB DAS, VAIBHAV SHRIVASTAVA.

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