Pal Bhar [Reprise]

Manoj Muntashir

मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा

पल भर तुम्हें जो न सोचूं तो
धड़कने तरसने लगती हैं
तुमको जो देख लूँ नम आँखें भी
हौले से हँसने लगती हैं
दिल से दिल का ये मेल सनम
जो कल ये हो जाए कम
हालात बिगड़ भी जाए अगर
हम दोनों बिछड़ भी जाएँ अगर
यादों के चाँद शिकारे पर
मैं तुमसे मिलने आऊंगा
ओ ओ ओ ओ
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा

कुछ और था मैं कुछ और ही था
तुमने ही मुझको निखारा है
अब जो भी मुझमें प्यारा है
वो हर रंग तुम्हारा है
जो कल था तेरा साथ मिले
हाथों से न ये हाथ मिले
अलविदा मुझे तू केह जाए
ये प्यार अधुरा रेह जाए
कुछ आधे अधूरे लम्हे लिए
दिल का ये शहर सजाऊंगा
ओ ओ ओ ओ
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा

मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा

Curiosità sulla canzone Pal Bhar [Reprise] di Arijit Singh

Chi ha composto la canzone “Pal Bhar [Reprise]” di di Arijit Singh?
La canzone “Pal Bhar [Reprise]” di di Arijit Singh è stata composta da Manoj Muntashir.

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