Husn Ishq Ki Yeh Kahani
हुस्नो इश्क़ की ये कहानी
हर दिल की जानी पहचानी
मिला जहां पर आग और पानी
दुनिया कहती उसे जवानी
कही शिरी कही फरिहाद
कही शेती कही मुराद
हर दिल को करे आबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
हर ग़म से है आजाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जिसपे जवानी जब जब आयी
कानो में बाजी शहनाई
जिसपे जवानी जब जबा आयी
कानो में बाजी शहनाई
साल सोलहवा जिस दिन लागे
तन पीछे मन आगे भागे
बिना बात के खोयी खोयी
आधी जागी आधी सोई
होंठ गुलाबी जब जब खोले
हस हस के कोई बात भी बोले
हर बात पे मिलती दाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
ये चंचल मदमस्त जवानी
जैसे चढती नदी का पानी
ये चंचल मदमस्त जवानी
जैसे चढती नदी का पानी
जहा भी उठ गयी गोरी बाहें हो
रुक गए रास्ते थम गयी राहें
लेकिन जब ये आँख मिलाए
दिल के टुकड़े करती जाये
जहा भी छनके इसकी पायल
तीन मरे और तरह घायल
हुए आशिक कई बर्बाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
हुस्नो इश्क़ की ये कहानी
हर दिल की जानी पहचानी
मिला जहां पर आग और पानी
दुनिया कहती उसे जवानी
कही शिरी कही फरिहाद
कही शेती कही मुराद
हर दिल को करे आबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद
जवानी ज़िंदाबाद जवानी ज़िंदाबाद