Gham E Yaar Se Shikayat Kabhi Thi Na Hai Na Hogi
गम-ए-यार से शिकायत
गम-ए-यार से शिकायत, कभी थी ना हैं ना होगी
हमें गैर से मोहब्बत
हमें गैर से मोहब्बत, कभी थी ना हैं ना होगी
गम-ए-यार से शिकायत
मेरे दिल के आईने मे हैं बसी तेरी ही सूरत
मेरे दिल के आईने मे हैं बसी तेरी ही सूरत
किसी और की तो सूरत
किसी और की तो सूरत, कभी थी ना हैं ना होगी
हमें गैर से मोहब्बत
हमें गैर से मोहब्बत, कभी थी ना हैं ना होगी
गम-ए-यार से शिकायत, कभी थी ना हैं ना होगी
गम-ए-यार से शिकायत
तेरे दामने वफ़ा में मुझे मिल गया हैं सब कुछ
तेरे दामने वफ़ा में मुझे मिल गया हैं सब कुछ
तेरे दामने वफ़ा में मुझे मिल गया हैं सबकुछ
मुझे आरजू ये जन्नत
मुझे आरजू ये जन्नत, कभी थी ना हैं ना होगी
हमें गैर से मोहब्बत
हमें गैर से मोहब्बत, कभी थी ना हैं ना होगी
गम-ए-यार से शिकायत