Alif Se
आ आ आ आ
आ आ आ आ
इन दीनो मेरी अब सांसो मे हो रहा खर्च तू
कर यकीन मेरी अब जीने की बन गया शर्त तू
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू
देख ले मेरे अल्फाज़ो से तू बूँद बूँद गिरता रहता है
सुन ज़रा मेरी आवाज़ो के तू साथ साथ बहता रहता है
तू खुदको देख ना पाए जहाँ मैं वो जगह हूँ
मैं तेरी धड़कनो की गिनतियों की भी वजह हूँ
मैं तेरी धूप मे रोशन हुआ क़तरा हूँ कोई
ना जिसके पीछे कोई रात हो मैं वो सुबह हूँ
तू वो सुबह है
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू
देख ले मेरी इन्न आँखो मे तू ख्वाब से मिलता-जुलता है
सच है ये हर जगह नींदो पे तू रोज़ रोज़ उगता रहता है
मैं खुद से ही जुदा, खुद से या खुद मैं धुआ हू
की मैं ही अब नही मुझ मे बता की मैं कहाँ हू
मैं तेरे ख्वाबो के बहते किनरो पे खड़ा हू
तू मूड के देख ले मुझको मैं तेरा ही निशान हू
तू ही निशान है ओ
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू
अलिफ से ऐपर तू यहाँ हर शह पर तू
खुदा पे नक्श है तेरा, इश्क़ का पैकर तू