Kya Karein
चाहा बहुत के चाहें तुम्हे
राज़ अपने दिल के बताये तुम्हे
दुनिया से हम चुराके तुम्हे
ख्वाबों में अपने बसाये तुम्हे
पर ये दिल का मामला है क्या करें
ये दिल ना मानता है क्या करें
यादों में उलझा हुआ है
मोहब्बत से खफा दिल क्या करें
संभाले हुए है दर्द कोई
रहना गया हो बकाया कोई
खौंफ कहो या तजुर्बा सही
दिल पहले जैसे अब धड़कता नहीं
पर ये दिल का मामला है क्या करें
ये दिल ना मानता है क्या करें
यादों में उलझा हुआ है
मोहब्बत से खफा दिल क्या करें
एक बार को ये मान लो
पहले जो भी हुआ होगा नहीं
और इस दफा जो कुछ भी हो
हम प्यार में बदलेंगे नहीं
बिलकुल नहीं
पर ये दिल का मामला है क्या करें
ये दिल ना मानता है क्या करें
यादों में उलझा हुआ है
मोहब्बत से खफा दिल क्या करें