Udja Kale Kawan [Victory]
Anand Bakshi
बाग़ों में फिर झूले पड़ गये
पक गई मिठियाँ अम्बियाँ
बाग़ों में फिर झूले पड़ गये
पक गई मिठियाँ अम्बियाँ
ये छोटी सी ज़िन्दगी दे राता लम्बियाँ लम्बियाँ
ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी इक जिन्दरी
ओ घर आजा परदेसी, के तेरी मेरी इक जिन्दडी