Tu Fiza Hai

Gulzar, Anu Malik

फ़िज़ा फ़िज़ा फ़िज़ा हे फ़िज़ा
तू हवा है फ़िज़ा है
ज़मीन की नहीं
तू घटा है तो फिर
क्यूँ बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू
पांच्छियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ

तू हवा है फ़िज़ा है
ज़मीन की नहीं
तू घटा है तो फिर
क्यूँ बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू
पांच्छियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ

मैं हवा हूँ कहीं
भी ठहेरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं
पर तो रहती नहीं
मैने तिनके उठाए
हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा

घने एक पेड़ से मुझे
झोका कोई लेके आया है
सूखे एक पत्ते की तरह
हवा ने हर तरफ उड़ाया है

आ ना आ
हे आ ना आ एक दफ़ा इस
ज़मीन से उठे
पाओं रखे हवा
पर ज़रा सा उड़े
चल चले हम जहाँ
कोई रस्ता ना हो
कोई रहता ना हो
कोई बस्ता ना हो
कहते है आँखों में
मिलती है ऐसी जगा

फ़िज़ा फ़िज़ा

मैं हवा हूँ कहीं
भी ठहेरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं
पर तो रहती नहीं
मैने तिनके उठाए
हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा

तुम मिले तो क्यूँ लगा मुझे
खुद से मुलाक़ात हो गयी
कुछ भी तो कहा नहीं मगर
ज़िंदगी से बात हो गयी

आ ना आ
हे आ ना आ साथ
बैठे ज़रा देर तो
हाथ थामे रहे
और कुछ ना कहे

छूके देखे तो आँखों
की खामोशियाँ
कितनी चुप छाप होती
है सरगोशियाँ
सुनते है आँखों
में होती है ऐसी सदा
फ़िज़ा फ़िज़ा

तू हवा है फ़िज़ा है
ज़मीन की नहीं
तू घटा है तो फिर
क्यूँ बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू
पांच्छियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ

मैं हवा हूँ कहीं
भी ठहेरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं
पर तो रहती नहीं
मैने तिनके उठाए
हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा

Curiosità sulla canzone Tu Fiza Hai di Alka Yagnik

Chi ha composto la canzone “Tu Fiza Hai” di di Alka Yagnik?
La canzone “Tu Fiza Hai” di di Alka Yagnik è stata composta da Gulzar, Anu Malik.

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