Titliyaan Udd Rahi Hain
तितलिया उड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
पास आती हैं दूर जाती हैं
दूर जाके वो फिर मूड रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
हू अंधेरे सवेरे सवेरे
फूल जब ओस मे हैं नहाते
नर्म झोंके लगाते हैं फेरे
तुम हो इस पल कहा
ये फ़िज़ा ये समा
आके देखो तो महबूब मेरे
यू अंधेरे सवेरे सवेरे
रंग की सरहदे खुशबुओं की हदे
टूटती हैं कभी जुड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
आ आ आ आ आ आ
एक सूरज किरन मन चली है
जाने क्या कह दिया उसने आके
मुस्कुराने लगी हर कली है
हर गुलाबी कली इस तरह है खिली
जैसे डाली पे शम्मा जली है
एक सूरज किरन मन चली है
रंग की सरहदे खुशबुओं की हदे
टूटती हैं कभी जुड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं
तितलिया उड़ रही हैं