पंछी नदिया पवन के झोंके-विथ डायलॉग [Version 2]

JAVED AKHTAR

उपरवाले ने अपनीमुहब्बत के सदके में
हम सब के लिए ये धरती बनायीं थी
पर मोहब्बत के दुशमनो ने
इस पर लकीरे खिचकर सरहदे बना दी
मैं जानता हूं वो लोग तुम्हे इस पार नहीं आने दंगे
मगर ये पवन जो तुम्हारे यहाँ से होकर आयी है
तुमे छुकर आयी होगी
मैं इसे सांस बनाकर
अपने सिन में भर लुंगा

ये नदिया जिसपर झुककर
तुम पानि पिया करते हो मैं इसके पानि से
अपने प्यासे होंटो को भिगों लुंगी
समुझुंगी तुम्हारे होंटो को छू लिया

पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

जो हम दोनों पंछी होते
तैरते हम इस नील गगन में पंख पसारे
सारी धरती अपनी होती
अपने होते सारे नज़ारे
खुली फ़िज़ाओं में उड़ते
खुली फ़िज़ाओं में उड़ते
अपने दिलो में हम सारा प्यार समो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता
ओ जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
लहरें ही लहरें बनती हैं
हम दोनों जो मिलते तो कुछ ऐसा होता
सब कहते ये लेहेर लेहेर जहां भी जाए
इनको ना कोई टोके
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके

Curiosità sulla canzone पंछी नदिया पवन के झोंके-विथ डायलॉग [Version 2] di Alka Yagnik

Chi ha composto la canzone “पंछी नदिया पवन के झोंके-विथ डायलॉग [Version 2]” di di Alka Yagnik?
La canzone “पंछी नदिया पवन के झोंके-विथ डायलॉग [Version 2]” di di Alka Yagnik è stata composta da JAVED AKHTAR.

Canzoni più popolari di Alka Yagnik

Altri artisti di Indie rock